अंजीर (Fig) की खेती अब किसानों की आय बढ़ाने का एक बेहतरीन जरिया बन सकती है। बिहार सरकार ने 'अंजीर फल विकास योजना' शुरू की है, जिसके तहत किसानों को वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन दिया जाएगा।
अंजीर (Fig) की खेती अब किसानों की आय बढ़ाने का एक बेहतरीन जरिया बन सकती है। बिहार सरकार ने 'अंजीर फल विकास योजना' शुरू की है, जिसके तहत किसानों को वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन दिया जाएगा।
इमली (Tamarind) एक बहुउपयोगी फलदार पेड़ है, जो भारत के कई राज्यों में पारंपरिक और औद्योगिक उपयोगों के लिए प्रसिद्ध है। इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
मध्यप्रदेश सरकार ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की घोषणा की है, जिसके तहत संगठित डेयरी समितियों से जुड़े किसानों को प्रति लीटर दूध पर 5 रुपये का बोनस मिलेगा।
किचन गार्डन एक ऐसी व्यवस्था है, जिसे घर के आसपास या किसी छोटे स्थान पर आसानी से तैयार किया जा सकता है। इसमें ताजी सब्जियां और फल उगाने का चलन बढ़ता जा रहा है क्योंकि इससे न केवल शुद्ध और जैविक उत्पाद मिलते हैं, बल्कि लागत भी कम होती है।
भारत में कई देसी गायों की नस्लें पाई जाती हैं, लेकिन पुंगनूर गाय अपनी छोटी कद-काठी और औषधीय गुणों से भरपूर दूध के लिए जानी जाती है। यह नस्ल अब विलुप्ति के कगार पर है, इसलिए इसे संरक्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मार्च का महीना खेती-किसानी के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस समय किसान गर्मियों में उगाई जाने वाली सब्जियों की खेती शुरू कर सकते हैं, जिससे उन्हें कम लागत में अच्छी पैदावार और बाजार में अच्छा लाभ मिल सकता है।
भारत में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, और किसानों की प्राथमिकता अब उन्नत किस्मों की ओर बढ़ रही है। अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों से अधिक उपज और बेहतर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। यही कारण है कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा द्वारा विकसित धान की किस्मों की मांग लगातार बढ़ रही है।
भारत में वनस्पति तेल के आयात में फरवरी 2025 के दौरान 7% की गिरावट दर्ज की गई है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEAI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2025 में देश में कुल वनस्पति तेल आयात 8,99,565 टन रहा, जो फरवरी 2024 के 9,65,852 टन की तुलना में कम है।
फलों और सब्जियों का हमारे आहार में विशेष स्थान है, लेकिन इनका उत्पादन अक्सर हानिकारक कीटनाशकों (पेस्टीसाइड्स) के उपयोग से किया जाता है। ये रसायन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं और लंबे समय तक इनके सेवन से कैंसर, हार्मोन असंतुलन, तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएँ और प्रजनन क्षमता में कमी जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं।
भारत सरकार ने दलहन आयात को लेकर दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, मसूर दाल पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया गया है, जबकि पीली मटर के शुल्क-मुक्त आयात को 31 मई, 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
केंद्र सरकार ने उड़द के शुल्क-मुक्त आयात को 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह घोषणा विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से जारी अधिसूचना में की गई।
भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 2024-25 के लिए खरीफ और रबी फसलों के उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं, चावल, मक्का, सोयाबीन और अन्य प्रमुख फसलों के उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है।
बिहार में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीदारी शुरू होने वाली है। सरकार ने इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जो पिछले साल की तुलना में 150 रुपये अधिक है।
हर किसान की यही चाहत होती है कि उसकी फसल अच्छी उपज दे और उसकी मेहनत का पूरा फल मिले। लेकिन अगर कटाई से पहले कुछ जरूरी उपाय किए जाएं, तो फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में और भी अधिक बढ़ोतरी हो सकती है।
भारत में कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार लगातार नई योजनाएं ला रही है। इसी दिशा में बिहार सरकार ने मल्चिंग (Mulching) तकनीक को अपनाने वाले किसानों को 50% अनुदान देने की योजना शुरू की है।