भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 2024-25 के लिए खरीफ और रबी फसलों के उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं, चावल, मक्का, सोयाबीन और अन्य प्रमुख फसलों के उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है।
भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 2024-25 के लिए खरीफ और रबी फसलों के उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं, चावल, मक्का, सोयाबीन और अन्य प्रमुख फसलों के उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है।
जलवायु परिवर्तन का असर अब केवल पर्यावरण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह कृषि क्षेत्र पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा है। खासकर, गेहूं और चावल जैसी मुख्य फसलें इस बदलाव से बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming) आज के समय में एक लाभदायक व्यवसाय बन चुका है। अगर इसे सही तरीके से और वैज्ञानिक विधियों (Scientific Methods) के अनुसार संचालित किया जाए, तो यह अधिक मुनाफा दिला सकता है।
नींबू (Lemon) की खेती करने वाले किसानों के लिए मार्च का महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय पौधों में नई वृद्धि, पुष्पन (Flowering) और फलों के विकास की प्रक्रिया तेज होती है। यदि इस दौरान उचित देखभाल न की जाए, तो उत्पादन और गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
करी पत्ता (Curry Leaves) भारतीय भोजन में एक खास जगह रखता है। इसकी खुशबू और स्वाद खाने का जायका बढ़ाने के लिए तड़के में उपयोग की जाती है। अगर आप भी अपने किचन गार्डन (Kitchen Garden) में ताजा और जैविक (Organic) करी पत्ते का आनंद लेना चाहते हैं, तो इसे घर पर उगाना एक बेहतरीन विकल्प है।
बैंगन की खेती पूरे साल की जा सकती है और यह किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय साबित हो रही है। आजकल पढ़े-लिखे युवा भी खेती की ओर रुख कर रहे हैं और बैंगन जैसी सब्जियों की खेती करके लाखों रुपये कमा रहे हैं। सही तकनीक और देखभाल से एक हेक्टेयर में बैंगन की खेती से 10 लाख रुपये तक की कमाई संभव है।
सर्दियों के मौसम में फूलों की खेती किसानों के लिए एक बेहतरीन कमाई का साधन बन सकती है। खासकर गुलदाउदी (Chrysanthemum) की खेती, जिसे दुनिया भर में व्यावसायिक रूप से सबसे अधिक उगाए जाने वाले फूलों में गिना जाता है।
खेती-किसानी भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। यह देश की खाद्य सुरक्षा (Food Security) सुनिश्चित करने के साथ ही रोजगार का भी बड़ा स्रोत है।
कमल के बीज को सामान्य भाषा में "कमल गट्टा" कहा जाता है। इसे आप आसानी से स्थानीय किराना स्टोर,ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स से खरीद सकते हैं।
हरा धनिया (Coriander) खाने का स्वाद और खुशबू बढ़ाने के साथ ही पौष्टिकता और ताजगी भी लाता है। लेकिन कई बार बाजार में इसकी कीमत अधिक हो जाती है और बारिश या गर्मी के मौसम में इसकी उपलब्धता भी कम हो जाती है।
कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence - AI) का उपयोग खेती के पारंपरिक तरीकों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उत्पादन और गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद कर रहा है।
लकड़ी वाले पेड़ों की खेती (Tree Farming) को किसान एक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट (Long-Term Investment) मानते हैं। सही देखभाल करने पर यह खेती उच्च लाभदायक (High-Profit) साबित होती है।
खारे पानी से सिंचाई करने के प्रभाव, उसे उपयोगी बनाने के उपाय, तथा फसल उत्पादन में सुधार के तरीकों पर विस्तृत जानकारी।
जब भी बाज़ार या बाग़ से लाये फलों से कीड़े निकलते हैं तो यह एक तरह का भ्रम होता है कि सही दिखने वाले फल में कीड़े किस तरह से पैदा हो गए तो इसका कारण फल वाली मक्खी होती है। फल वाली मक्खी और फल चूसने वाले कीट नींबू जाति के फल के केरे के मुख्य कारण में से एक है। फल वाली मक्खी पंजाब में नींबू जाति के
गन्ना उत्पादकों को एक बार फिर समय पर चोटी बेधक की रोकथाम कर लेनी चाहिए और यदि समाधान न किया गया तो किसान को भारी नुक्सान हो सकता है। खेती विज्ञानियों का कहना है कि यह एक बहुत गंभीर कीड़ा है।