आजकल शहरीकरण के बढ़ते प्रभाव के कारण लोग छत पर ही गार्डनिंग कर रहे हैं। पहले यह चलन हरी सब्जियों तक सीमित था, लेकिन अब लोग अपनी छतों पर फल भी उगाने लगे हैं। नींबू, संतरा, अमरूद, सेब और आम जैसे फल आसानी से टेरेस गार्डन में उगाए जा सकते हैं। यदि आप भी अपने घर की छत पर फलदार पौधे उगाना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी रहेगा।
टेरेस गार्डनिंग का बढ़ता ट्रेंड
शहरों में जगह की कमी के चलते लोग अब अपनी छतों और बालकनी में गार्डनिंग करने लगे हैं। यह न केवल ताजी सब्जियों और फलों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है, बल्कि वातावरण को भी शुद्ध बनाता है। इसके अलावा, बाजार की मिलावट वाली सब्जियों और फलों की तुलना में घर पर उगाए गए फल अधिक सुरक्षित और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
अगर आप छत पर फलदार पौधे लगाना चाहते हैं, तो हाइब्रिड वैराइटी के पौधों को चुनना सबसे सही रहेगा। इसके पीछे दो मुख्य कारण हैं—
1. देसी पौधे बहुत बड़े होते हैं: आम और अमरूद जैसे पारंपरिक पौधे काफी ऊंचे हो जाते हैं और उनकी जड़ें गहराई तक फैलती हैं, जिससे गमले में उनका विकास सीमित हो सकता है।
2. हाइब्रिड पौधे छोटे और उपजाऊ होते हैं: ये कम जगह में अच्छी उपज देते हैं और जल्दी फल भी लगते हैं।
1. गमले का चुनाव करें
छत पर फल उगाने के लिए बड़े और मजबूत गमले की जरूरत होगी। इसके लिए 21×21 इंच के गमले का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा रहेगा। इस तरह के गमले बाजार में 80-100 रुपये तक मिल जाते हैं।
2. मिट्टी की सही तैयारी करें
● गमले में मिट्टी और गोबर खाद को बराबर मात्रा में मिलाएं।
● जैविक खाद (वर्मी-कंपोस्ट) डालें ताकि मिट्टी उपजाऊ बनी रहे।
● रासायनिक खाद से बचें, क्योंकि यह मिट्टी की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकता है।
3. पौधों की रोपाई करें
गमले में तैयार मिट्टी भरने के बाद उसमें नींबू, संतरा, आम, अमरूद या केला का पौधा लगाएं। पौधों को रोपते समय ध्यान दें कि उनकी जड़ों को सही पोषण मिले।
4. पानी और देखभाल
● गमले में जरूरत के अनुसार पानी देते रहें।
● गर्मी के मौसम में पानी की मात्रा बढ़ाएं और ठंड में कम करें।
● समय-समय पर जैविक खाद डालें ताकि पौधों को जरूरी पोषक तत्व मिलते रहें।
अगर आप छत पर स्थायी रूप से फल उगाना चाहते हैं, तो आरसीसी (Reinforced Cement Concrete) की 2 फीट ऊंची क्यारियां बनवा सकते हैं। इन क्यारियों में मिट्टी और जैविक खाद भरकर फलदार पौधे लगाए जा सकते हैं। इससे पौधों को अधिक जगह मिलेगी और बेहतर पैदावार होगी।
टेरेस गार्डनिंग के फायदे
● बाजार की मिलावटी फसलों से बचाव।
● ताजे और पोषक तत्वों से भरपूर फल।
● पर्यावरण के लिए लाभदायक।
● छत की सुंदरता में इजाफा।
सरकारी सहायता और सब्सिडी
कई राज्यों में सरकार टेरेस गार्डनिंग को बढ़ावा देने के लिए किसानों और शहरी निवासियों को सब्सिडी भी दे रही है। बिहार जैसे राज्यों में छत पर खेती करने वालों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
वैसे भी आज present समय में छत पर फल उगाना न केवल एक नया ट्रेंड हो गया है, बल्कि यह स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। यदि सही तकनीक अपनाई जाए तो नींबू, संतरा, अमरूद और अन्य फल आसानी से उगाए जा सकते हैं। जैविक खाद और हाइब्रिड पौधों का इस्तेमाल करके कम जगह में भी अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है।