कीट, बीमारियां और नदीनों की रोकथाम के लिए छिड़काव का सही तरीका प्रयोग करना बहुत जरुरी है। सिफारिश की गई खेती रसायन के बढ़िया परिणाम लेने के लिए निम्मनलिखित नुस्खे अपनाये।
रसायनों का चयन
विभिन्न कीटों, रोगों और नदीनों की रोकथाम के लिए विभिन्न रसायनों की सिफारिश की जाती है। इसलिए किसी भी रसायन का चुनाव करने से पहले फसल के कीट, रोग और नदीनों का ठीक से पहचान कर लेना बहुत जरूरी है ताकि सही रसायन का चयन किया जा सके।
पंप और नोजल चयन: रसायनों का छिड़काव करने के लिए हाथ या बैटरी से चलने वाले बैक पंप (नैप्सैक स्प्रेयर) या ट्रैक्टर से चलने वाले पंप का उपयोग किया जा सकता है। नदीनों को रोकने के लिए बुवाई के समय फ्लैट पंखे या फ्लड जैट और खड़ी फसल में केवल फ्लैट फैन नोजल का प्रयोग करें। कीटों और रोगों को नियंत्रित करने के लिए केवल कोन नोजल का उपयोग करें।
पानी की मात्रा : 200 लीटर पानी प्रति एकड़ बुवाई के समय और 150 लीटर प्रति एकड़ खड़ी फसल में फफूंदनाशकों के छिड़काव के लिए डालें। बीमारियों की रोकथाम के लिए सामान्य स्थिति में 200 लीटर और कीट की रोकथाम के लिए 100-150 लीटर पानी प्रति एकड़ प्रयोग करें। पानी मापने के लिए स्प्रे पंप में माप कर पानी डालें और खेत में छिड़काव करें। इसके बाद छिड़काव किए रकबे को माप लें और निम्मनलिखित ढंग द्वारा प्रति एकड़ पानी की जरुरति मात्रा निकाल लें।
माप की हुई पानी की मात्रा (लीटर ) x 4000
छिड़काव किया रकबा (वर्ग मीटर)