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Krishi Utpadan: सरकार ने जारी किया रबी और खरीफ फसलों का अनुमान

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 2024-25 के लिए खरीफ और रबी फसलों के उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं, चावल, मक्का, सोयाबीन और अन्य प्रमुख फसलों के उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है।

By: Dipti Tiwari 
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Krishi Utpadan: सरकार ने जारी किया रबी और खरीफ फसलों का अनुमान

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 2024-25 के लिए खरीफ और रबी फसलों के उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं, चावल, मक्का, सोयाबीन और अन्य प्रमुख फसलों के उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। यह वृद्धि किसानों को मिलने वाली सरकारी सहायता, नई तकनीकों के उपयोग और बेहतर नीतियों के कारण संभव हुई है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों की आय बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई योजनाएँ चला रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना और सॉयल हेल्थ कार्ड जैसी योजनाओं से किसानों को न केवल वित्तीय सहायता मिली है, बल्कि उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित किया गया है।

कृषि उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि

कृषि मंत्रालय ने रिमोट सेंसिंग, साप्ताहिक फसल निगरानी और राज्यों से प्राप्त जानकारी के आधार पर यह अनुमान जारी किया है। इसके लिए कृषि विशेषज्ञों, किसानों और सरकारी विभागों की राय को भी शामिल किया गया है। अनुमान के अनुसार, इस साल खरीफ और रबी फसलों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

मुख्य फसलों का अनुमानित उत्पादन (2024-25)

फसलखरीफ उत्पादन (लाख मीट्रिक टन)रबी उत्पादन (लाख मीट्रिक टन)कुल उत्पादन (लाख मीट्रिक टन)
गेहूं (Wheat)1154.30 (रिकॉर्ड)1154.30
चावल (Rice)1206.79 (रिकॉर्ड)157.581364.37
मक्का (Maize)248.11 (रिकॉर्ड)124.38372.49
श्री अन्न (Millets)137.5230.81168.33
चना (Chana)115.35115.35
मसूर (Masoor)18.1718.17
तूर (Tur)35.1135.11
तिलहन (Oilseeds)276.38140.31416.69
मूंगफली (Groundnut)104.26 (रिकॉर्ड)8.87113.13
सोयाबीन (Soybean)151.32 (रिकॉर्ड)151.32
रेपसीड एवं सरसों (Rapeseed & Mustard)128.73128.73
गन्ना (Sugarcane)4350.794350.79
कपास (Cotton)294.25 लाख गांठें294.25 लाख गांठें
जूट (Jute)83.08 लाख गांठें83.08 लाख गांठें

(प्रत्येक कपास की गांठ: 170 किलोग्राम, प्रत्येक जूट की गांठ: 180 किलोग्राम)

पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी

खरीफ चावल का उत्पादन 1206.79 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जो 2023-24 के 1132.59 लाख मीट्रिक टन की तुलना में 74.20 लाख मीट्रिक टन अधिक है।

गेहूं का उत्पादन 1154.30 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 1132.92 लाख मीट्रिक टन की तुलना में 21.38 लाख मीट्रिक टन अधिक है।

मूंगफली और सोयाबीन के उत्पादन में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है:

  • मूंगफली: 104.26 लाख मीट्रिक टन (पिछले साल 86.60 लाख मीट्रिक टन)
  • सोयाबीन: 151.32 लाख मीट्रिक टन (पिछले साल की तुलना में 20.70 लाख मीट्रिक टन अधिक)

फसल कटाई प्रयोगों (CCE) पर आधारित अनुमान

खरीफ फसलों के उत्पादन का अनुमान फसल कटाई प्रयोगों (Crop Cutting Experiments – CCE) पर आधारित है। कुछ फसलों जैसे तूर, गन्ना, अरंडी आदि के लिए CCE डेटा अभी जारी किया जा रहा है।

रबी फसलों का उत्पादन औसत उपज के आधार पर तय किया गया है, जिसे आगे के अनुमानों में संशोधित किया जा सकता है।

ज़ायद फसलों का उत्पादन तीसरे अग्रिम अनुमान में जोड़ा जाएगा।

सरकार की योजनाओं का सकारात्मक असर

सरकार की विभिन्न योजनाओं और नई कृषि तकनीकों को अपनाने के कारण भारत का कृषि उत्पादन लगातार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, फसल बीमा योजना, सॉयल हेल्थ कार्ड योजना, ड्रिप सिंचाई योजना और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसी नीतियों के माध्यम से किसानों को वित्तीय सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन मिल रहा है।

इसके अलावा, रिमोट सेंसिंग, कृषि यंत्रीकरण (Mechanization) और जैविक खेती को बढ़ावा देने से कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

भारत में कृषि उत्पादन ने इस वर्ष नए रिकॉर्ड बनाए हैं, जिससे न केवल खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिली है, बल्कि किसानों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है। सरकार की नई नीतियों और योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव कृषि क्षेत्र में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

आने वाले वर्षों में, यदि नई तकनीकों और वैज्ञानिक विधियों का सही उपयोग किया जाए, तो भारत दुनिया का सबसे बड़ा कृषि उत्पादक देश बनने की ओर तेजी से अग्रसर हो सकता है। खरीफ और रबी फसलों की यह वृद्धि भारत को कृषि आत्मनिर्भरता (Agricultural Self-Sufficiency) की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।

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