नींबू (Lemon) की खेती करने वाले किसानों के लिए मार्च का महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय पौधों में नई वृद्धि, पुष्पन (Flowering) और फलों के विकास की प्रक्रिया तेज होती है। यदि इस दौरान उचित देखभाल न की जाए, तो उत्पादन और गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। इसलिए, खाद प्रबंधन (Nutrient Management), सिंचाई (Irrigation), कीट और रोग नियंत्रण (Pest & Disease Control) जैसे कार्यों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। सही कृषि पद्धतियों (Scientific Farming Methods) को अपनाकर किसान अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
नवीन वृद्धि और पुष्पन प्रबंधन (New Growth & Flowering Management)
मार्च के महीने में नींबू के पौधों में नई कोंपलें और फूल आने लगते हैं। इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण कार्य करने से पौधों की ग्रोथ (Growth) और फलों की गुणवत्ता अच्छी बनी रहती है। पुराने और सूखे टहनियों की छंटाई (Pruning) करके पौधों को नया आकार दें, जिससे हवा और प्रकाश का संचार बेहतर होगा। पौधों को संतुलित पोषण (Balanced Nutrition) दें ताकि फूलों की संख्या बढ़े और अच्छे फलों का विकास हो सके। इसके अलावा, कीट और रोगों का समय पर नियंत्रण भी जरूरी है, क्योंकि इस मौसम में उनका खतरा अधिक रहता है।
खाद और पोषण प्रबंधन (Fertilizer & Nutrient Management)
मार्च में नींबू के पौधों को जरूरी पोषक तत्व देने से उनकी वृद्धि और उत्पादन में सुधार होता है। पौधों को नाइट्रोजन (Nitrogen), फास्फोरस (Phosphorus) और पोटाश (Potash) की संतुलित मात्रा में आपूर्ति करनी चाहिए। प्रति पौधे 200-250 ग्राम नाइट्रोजन, 100-150 ग्राम फास्फोरस और 150-200 ग्राम पोटाश देना लाभकारी होता है। कैल्शियम नाइट्रेट (Calcium Nitrate) या पोटैशियम नाइट्रेट (Potassium Nitrate) का छिड़काव करने से फलों की गुणवत्ता बेहतर होती है। जैविक खाद (Organic Fertilizer) जैसे गोबर की खाद (Compost) या वर्मी कम्पोस्ट (Vermicompost) का प्रयोग करना पौधों के लिए फायदेमंद होता है।
यदि पत्तियों में पीला पन आ रहा हो या पौधों की वृद्धि धीमी हो रही हो, तो जिंक सल्फेट (Zinc Sulphate), बोरॉन (Boron) और फेरस सल्फेट (Ferrous Sulphate) का 0.3% घोल बनाकर स्प्रे करें। फूल आने की अवस्था में जिंक (0.2%) का छिड़काव करने से फूलों की संख्या बढ़ती है और फलों का झड़ना (Fruit Drop) कम होता है।
सिंचाई प्रबंधन (Irrigation Management)
मार्च में तापमान धीरे-धीरे बढ़ने लगता है, जिससे वाष्पीकरण (Evaporation) की प्रक्रिया तेज हो जाती है। यदि इस समय वर्षा नहीं होती, तो 10-15 दिन के अंतराल पर हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे। ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation) तकनीक अपनाने से जल की बचत होती है और नमी जड़ों तक बनी रहती है। हालांकि, अधिक सिंचाई करने से जड़ सड़न (Root Rot) की समस्या हो सकती है, इसलिए पानी आवश्यकता अनुसार ही दें।
कीट प्रबंधन (Pest Management)
मार्च में तापमान बढ़ने के साथ नींबू के बागों में कुछ प्रमुख कीटों का प्रकोप देखा जाता है।
✅ सिट्रस लीफ माइनर (Citrus Leaf Miner): यह पत्तियों पर सुरंग बनाकर नई वृद्धि को नुकसान पहुंचाता है। इसे नियंत्रित करने के लिए नीम तेल (Neem Oil) या डाइमिथोएट (Dimethoate 0.05%) का छिड़काव करें।
✅ सिट्रस पायला (Citrus Psylla): यह कीट पत्तियों और नई टहनियों से रस चूसकर पौधों को कमजोर कर देता है। इसे रोकने के लिए इमिडाक्लोप्रिड (Imidacloprid 17.8 SL, 0.05%) का छिड़काव करें।
✅ सिट्रस स्केल (Citrus Scale Insect): यह शाखाओं और फलों पर पाया जाता है। इसे नियंत्रित करने के लिए 2% नीम तेल या क्लोरपायरीफॉस (Chlorpyrifos 0.05%) का छिड़काव करें।
रोग प्रबंधन (Disease Management)
नींबू के पौधों में मार्च के महीने में कई प्रकार के फंगल (Fungal) और बैक्टीरियल (Bacterial) रोग लग सकते हैं।
✅ कोललेटोट्रिकम फफूंद रोग (Colletotrichum Fungus Disease): यह पत्तियों और फलों पर काले धब्बे बना देता है। इसे रोकने के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (Copper Oxychloride 0.3%) या कार्बेन्डाजिम (Carbendazim 0.1%) का छिड़काव करें।
✅ साइट्रस कैन्कर (Citrus Canker): यह बैक्टीरियल रोग (Bacterial Disease) पत्तियों और फलों पर गहरे घाव बना देता है। इसे रोकने के लिए स्ट्रेप्टोसाइक्लिन (Streptocycline 500 ppm) और कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (0.3%) का स्प्रे करें।
✅ गमोसिस (Gummosis): इस रोग में तने से गोंद निकलता है, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है। इसे रोकने के लिए बोर्डो पेस्ट (Bordeaux Paste) का लेप करें और प्रभावित भाग को साफ करके कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें।
मल्चिंग और खरपतवार नियंत्रण (Mulching & Weed Control)
मार्च में खरपतवार (Weeds) तेजी से बढ़ते हैं, जिससे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसे रोकने के लिए गीली घास, भूसा (Straw) या काली पॉलीथिन (Black Polythene) से मल्चिंग करें। इससे नमी बनी रहेगी और खरपतवार नहीं उगेंगे। इसके अलावा, खरपतवार को हाथ से निकालना या नियंत्रित मात्रा में ग्लाइफोसेट (Glyphosate) का छिड़काव करना भी फायदेमंद होता है।
फलों के गिरने की समस्या रोकना (Preventing Fruit Drop)
मार्च में फूलों और छोटे फलों के गिरने (Fruit Drop) की समस्या आम होती है। इसे रोकने के लिए बोरॉन (Boron 0.3%) और जीबरेलिक एसिड (Gibberellic Acid GA3 10-20 ppm) का छिड़काव करें। इसके अलावा, पौधों में नमी बनाए रखें और सूक्ष्म पोषक तत्वों (Micronutrients) की कमी न होने दें।
बाग की स्वच्छता और निरीक्षण (Garden Hygiene & Monitoring)
नींबू के बागों में नियमित निरीक्षण करना आवश्यक होता है ताकि किसी भी कीट या रोग की समस्या को समय रहते रोका जा सके। संक्रमित पत्तियों और शाखाओं को काटकर नष्ट कर दें। बाग के आसपास साफ-सफाई बनाए रखें ताकि कीट एवं रोगों का प्रकोप न हो। जैविक और रासायनिक उपायों (Organic & Chemical Methods) को संतुलित रूप से अपनाकर पौधों की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है।
ऐसे में यह साफ है कि मार्च का महीना नींबू की फसल के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि इस दौरान उचित खाद, सिंचाई, कीट और रोग प्रबंधन किया जाए, तो उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार होगा। वैज्ञानिक पद्धतियों का पालन करके किसान अपनी फसल से अधिक लाभ कमा सकते हैं और बेहतर गुणवत्ता वाले फल प्राप्त कर सकते हैं।