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Punganur Cow: पुंगनूर गाय दुनिया की सबसे छोटी नस्ल पर कीमत लाखों में

भारत में कई देसी गायों की नस्लें पाई जाती हैं, लेकिन पुंगनूर गाय अपनी छोटी कद-काठी और औषधीय गुणों से भरपूर दूध के लिए जानी जाती है। यह नस्ल अब विलुप्ति के कगार पर है, इसलिए इसे संरक्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

By: Dipti Tiwari 
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Punganur Cow: पुंगनूर गाय दुनिया की सबसे छोटी नस्ल पर कीमत लाखों में

भारत में कई देसी गायों की नस्लें पाई जाती हैं, लेकिन पुंगनूर गाय अपनी छोटी कद-काठी और औषधीय गुणों से भरपूर दूध के लिए जानी जाती है। यह नस्ल अब विलुप्ति के कगार पर है, इसलिए इसे संरक्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसकी लोकप्रियता और विशेषताओं के कारण इसकी कीमत लाखों रुपये तक पहुंच चुकी है।

पुंगनूर गाय की खासियत

पुंगनूर गाय का मूल स्थान आंध्र प्रदेश का चित्तूर जिला है। यह नस्ल छोटे आकार की होती है, जिससे इसे कम स्थान और चारे की आवश्यकता होती है। यह गाय अन्य गायों की तुलना में अधिक पोषक दूध देती है, जिसमें वसा की मात्रा भी अधिक होती है।

1. छोटे आकार के कारण आसान रखरखाव

  • पुंगनूर गाय की ऊंचाई मात्र 1 से 2 फीट होती है।
  • इसे पालने के लिए अधिक स्थान की जरूरत नहीं होती।
  • इसकी देखभाल कम खर्चीली होती है, जिससे छोटे किसानों के लिए भी यह आदर्श विकल्प है।

2. अत्यधिक पोषक दूध

  • पुंगनूर गाय प्रतिदिन 3 से 5 लीटर दूध देती है।
  • इसके दूध में 8% वसा होती है, जो सामान्य गायों (3-3.5% वसा) से अधिक होती है।
  • इसका दूध औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है।

पुंगनूर नस्ल का संरक्षण

यह नस्ल अब दुर्लभ होती जा रही है, इसलिए आंध्र प्रदेश में गौशालाओं में संरक्षण किया जा रहा है। लिंगमपट्टी गांव में एक विशेष गौशाला में लगभग 300 पुंगनूर गायों को सुरक्षित रखा गया है। गौशाला के संचालक कृष्णम राजू ने कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से इस नस्ल की संख्या को बढ़ाने में योगदान दिया है।

कीमत और मांग

  • पुंगनूर गाय की उच्च मांग के कारण इसकी कीमत 1 लाख से 25 लाख रुपये तक हो सकती है।
  • इसका छोटा आकार और अद्वितीय विशेषताएं इसे दुर्लभ और मूल्यवान बनाती हैं।
  • देशभर के लोग इसे पालने और संरक्षण के लिए खरीद रहे हैं।

ऋषि-मुनियों की पसंदीदा गाय

प्राचीन काल में ऋषि-मुनि इस गाय को पालते थे क्योंकि यह कम चारे में अधिक पोषण प्रदान करती थी। इसके दूध को आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी उपयोग किया जाता था। विदेशी नस्लों की वजह से पुंगनूर गाय की संख्या में गिरावट आई है, लेकिन अब इसे संरक्षित करने के लिए बड़े प्रयास किए जा रहे हैं।

भारत में अन्य मिनिएचर नस्लें

पुंगनूर गाय के अलावा, केरल की वेचुर गाय भी छोटी नस्लों में गिनी जाती है। वेचुर गाय की लंबाई 3 से 4 फीट होती है, जबकि पुंगनूर गाय की लंबाई मात्र 1 से 2 फीट होती है। यह इसे भारत की सबसे छोटी गायों में से एक बनाती है।

पुंगनूर गाय एक अनमोल भारतीय नस्ल है, जो छोटे आकार, पोषक दूध और आसान रखरखाव के कारण महत्वपूर्ण है। इसकी बढ़ती मांग और संरक्षण के प्रयासों के कारण इसकी कीमत लाखों में पहुंच चुकी है। सरकार और पशुपालकों को इस नस्ल को संरक्षित करने के लिए अधिक प्रयास करने की जरूरत है, ताकि यह भविष्य में भी बनी रहे।

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