भारत सरकार ने दलहन आयात को लेकर दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, मसूर दाल पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया गया है, जबकि पीली मटर के शुल्क-मुक्त आयात को 31 मई, 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
भारत सरकार ने दलहन आयात को लेकर दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, मसूर दाल पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया गया है, जबकि पीली मटर के शुल्क-मुक्त आयात को 31 मई, 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
भारत में कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार लगातार नई योजनाएं ला रही है। इसी दिशा में बिहार सरकार ने मल्चिंग (Mulching) तकनीक को अपनाने वाले किसानों को 50% अनुदान देने की योजना शुरू की है।
भारत में कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR) ने पंजाब में हाइब्रिड राइस की कुछ नई किस्में, जैसे Sava 127, Sava 134, और Sava 7501, को खेती के लिए अधिसूचित किया है।
पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming) आज के समय में एक लाभदायक व्यवसाय बन चुका है। अगर इसे सही तरीके से और वैज्ञानिक विधियों (Scientific Methods) के अनुसार संचालित किया जाए, तो यह अधिक मुनाफा दिला सकता है।
आम के पेड़ों पर फल आने से पहले कीटों और रोगों का हमला हो सकता है, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता पर असर पड़ता है। इनमें मधुआ कीट और दहिया कीट प्रमुख हैं, जो आम के मंजर (फूलों) को नुकसान पहुंचाते हैं।
वैश्विक बाजार में चावल की कीमतें लगातार गिर रही हैं और यह दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। इसकी मुख्य वजह कमजोर मांग, उच्च स्टॉक और उत्पादकों, व्यापारियों और निर्यातकों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा है।
आज के समय में पशुपालन एक महत्वपूर्ण व्यवसाय बन चुका है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। यदि आप गांव में परचून की दुकान खोलने की सोच रहे हैं, तो इससे कहीं ज्यादा फायदेमंद एक भैंस पालना हो सकता है। भैंस को ब्लैक गोल्ड कहा जाता है क्योंकि यह किसानों के लिए निरंतर आमदनी का स्रोत बन सकती है।
गर्मियों के मौसम में पशुओं के लिए हरे चारे (Green Fodder) की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती होती है। नमी की कमी के कारण हरे चारे की फसलें सूखने लगती हैं, जिससे पशुपालकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
हरियाणा और पंजाब देश के दो सबसे बड़े कृषि उत्पादक राज्य हैं, जो भारत की खाद्य सुरक्षा (Food Security) को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन राज्यों में उच्चतम उत्पादकता (High Productivity) के बावजूद, किसान भारी कर्ज (Debt) में डूबे हुए हैं।
नींबू (Lemon) की खेती करने वाले किसानों के लिए मार्च का महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय पौधों में नई वृद्धि, पुष्पन (Flowering) और फलों के विकास की प्रक्रिया तेज होती है। यदि इस दौरान उचित देखभाल न की जाए, तो उत्पादन और गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
करी पत्ता (Curry Leaves) भारतीय भोजन में एक खास जगह रखता है। इसकी खुशबू और स्वाद खाने का जायका बढ़ाने के लिए तड़के में उपयोग की जाती है। अगर आप भी अपने किचन गार्डन (Kitchen Garden) में ताजा और जैविक (Organic) करी पत्ते का आनंद लेना चाहते हैं, तो इसे घर पर उगाना एक बेहतरीन विकल्प है।
बैंगन की खेती पूरे साल की जा सकती है और यह किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय साबित हो रही है। आजकल पढ़े-लिखे युवा भी खेती की ओर रुख कर रहे हैं और बैंगन जैसी सब्जियों की खेती करके लाखों रुपये कमा रहे हैं। सही तकनीक और देखभाल से एक हेक्टेयर में बैंगन की खेती से 10 लाख रुपये तक की कमाई संभव है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां बड़ी संख्या में लोग अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर करते हैं। फसलों की खेती में किसानों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे जलवायु परिवर्तन, आर्थिक तंगी, प्राकृतिक आपदाएं और उचित बाजार मूल्य की कमी।
सर्दियों के मौसम में फूलों की खेती किसानों के लिए एक बेहतरीन कमाई का साधन बन सकती है। खासकर गुलदाउदी (Chrysanthemum) की खेती, जिसे दुनिया भर में व्यावसायिक रूप से सबसे अधिक उगाए जाने वाले फूलों में गिना जाता है।
बकरी पालन (Goat Farming) कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला व्यवसाय है। पिछले कुछ वर्षों में पशुपालन (Animal Husbandry) का कारोबार तेजी से बढ़ा है, और खासकर बकरी पालन की मांग बढ़ी है।