केंद्र सरकार ने उड़द के शुल्क-मुक्त आयात को 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह घोषणा विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से जारी अधिसूचना में की गई।
केंद्र सरकार ने उड़द के शुल्क-मुक्त आयात को 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह घोषणा विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से जारी अधिसूचना में की गई।
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां बड़ी संख्या में लोग अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर करते हैं। फसलों की खेती में किसानों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे जलवायु परिवर्तन, आर्थिक तंगी, प्राकृतिक आपदाएं और उचित बाजार मूल्य की कमी।
किसानों और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। इसी दिशा में, सरकार ने 'पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना' की शुरुआत की है।
पराली जलाना किसानों के लिए एक आम समस्या रही है, जिससे वायु प्रदूषण (Air Pollution) और मिट्टी की उर्वरता (Soil Fertility) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
खेती-किसानी भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। यह देश की खाद्य सुरक्षा (Food Security) सुनिश्चित करने के साथ ही रोजगार का भी बड़ा स्रोत है।
कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence - AI) का उपयोग खेती के पारंपरिक तरीकों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उत्पादन और गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद कर रहा है।
लकड़ी वाले पेड़ों की खेती (Tree Farming) को किसान एक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट (Long-Term Investment) मानते हैं। सही देखभाल करने पर यह खेती उच्च लाभदायक (High-Profit) साबित होती है।
मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने धान उपार्जन पर प्रति हेक्टेयर 4,000 रुपये की सहायता और गेहूं पर 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोषणा की है।